Home
About
Contact
The Menu of this blog is loading..........
Home
AI Thoughts
My Stories
Poetries
My Thoughts
Home
प्रश्नवाचक
समाज
समाज
Satya J.
1:49:00 PM
समाजले के भन्ला
के सोच्ला भनि
मैले नै सोच्ने हो भने
यो सामाजको अस्तित्व के नै रह्यो र खै?
सोच्नते हरु को सामाज
ल अब भन्नुस
सामाजलाइ डाडुमा डुबाउनेकी
मलाइ चम्चा मा?
प्रश्नवाचक? - Satya Prakash Joshi (सत्य प्रकाश जाेशी)
Post a Comment
0 Comments
Search
Social Plugin
Most Popular
समाज
1:49:00 PM
Silence
5:34:00 PM
I'm a Poet Baby
8:10:00 PM
Tags
अंग्रेजी
कथा
कविता
गीत
जनयुद्ध
प्रश्नवाचक
विचार
Contact form
0 Comments